शुक्रवार, 22 मार्च 2013


 साहित्‍य विभाग में मुस्लिम विमर्श पर व्‍याख्‍यान

महात्‍मा गांधी अंतरराष्‍ट्रीय हिंदी विश्‍वविद्यालय के साहित्‍य विभाग में मुस्लिम विमर्श पर व्‍याख्‍यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्‍य वक्‍ता मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी, हैदराबाद के हिंदी विभाग के अध्‍यक्ष प्रो. टी. वी. कट्टीमनी उपस्थित रहे। साहित्‍य विभाग के अध्‍यक्ष प्रो. कृष्‍ण कुमार सिंह ने कार्यक्रम की अध्‍यक्षता की।
     प्रो. टी. वी. कट्टीमनी ने भारत की सामाजिक, सांस्‍कृतिक बहुलता पर प्रकाश डाला। उन्‍होंने कहा कि भारत में धार्मिक आधार पर सांप्रदायिक पहचान को रेखांकित करना अत्‍यंत कठिन है। इस संदर्भ में उन्‍होंने कहा कि विभिन्‍न प्रदेशों के मुस्लिम समाज की भाषा धार्मिक आधार पर नहीं अपितु वहाँ के स्‍थानीय (क्षेत्रीय) आधार पर तय होती है। प्रो. कट्टमनी ने कहा कि हम जिस इतिहास को परंपरागत पाठ्यक्रम के रूप में पढ़ते-पढ़ाते हैं वह हमारे समाज का समुचित प्रतिनिधित्‍व नहीं करना। साथ ही हमारा इतिहास लेखन भी वस्‍तुनिष्‍ठ नहीं है। कट्टीमनी ने तथ्‍यों के साथ इस ऐतिहासिक मिथक को खारिज किया कि हिंदू मंदिरों को लूटने वाले सिर्फ मुसलमान थे। उन्‍होंने बताया कि हिंदू मंदिरों को हिंदू राजाओं ने भी लूटा।
     साहित्‍य विभाग के अध्‍यक्ष प्रो. कृष्‍ण कुमार सिंह ने अपने अध्‍यक्षीय वक्‍तव्‍य में मुस्लिम विमर्श के महत्‍व को रेखांकित किया। कार्यक्रम में साहित्‍य विभाग के प्रो. रामवीर सिंह, असोसिएट प्रो. प्रीति सागर, सहायक प्रो. रामानुज अस्‍थाना, प्रो. अशोकनाथ त्रिपाइी, प्रो. रूपेश कुमार सिंह, प्रो. वीरपाल सिंह यादव, प्रो. सुनील कुमार सुमन तथा कवि एवं संपादक जयप्रकाश धूमकेतु सहित शोधा‍र्थी एवं विद्यार्थी भारी संख्‍या में उपस्थित रहे।  

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