कुलपति विभूति नारायण राय को सौंपा गया महात्मा गांधी का पत्र
स्वामी सहजानंद सरस्वती संग्रहालय की उपलब्धि
हिंदी साहित्य के सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार अन्नपूर्णानन्द
के परिवार के अनिरूद्ध कुमार हैकरवाल ने महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय
के कुलपति विभूति नारायण राय को स्वामी सहजानंद सरस्वती संग्रहालय के लिए महात्मा
गांधी के पत्र सौंपे हैं।
अन्नपूर्णानन्द (1895-1962)
संपूर्णानन्द के भाई थे। उन्होंने प्रेमचंद युग तथा उसके बाद के दौर में श्रेष्ठ
व्यंग्य लिखे हैं। उनकी पुस्तकें- ‘महाकवि चच्चा’, ‘मगनु रहु चोला’, ‘मंगल मोद’, ‘मेरी हजामत’, ‘मिसिर जी’ तथा ‘मन-मयूर’ आदि हैं।
अन्नपूर्णानन्द को लिखे गए
पत्र में गांधी जी ने वादा किया है कि उन्होंने जो किताबें उन्हें भेजी हैं, वे उसे पढ़ने
का प्रयास करेंगे। गांधी जी ने अन्नपूर्णानन्द के बड़े भाई संपूर्णानन्द जी का
भी हालचाल पूछा। यह पत्र पोस्टकार्ड पर 26 जून 1941 को सेवाग्राम से लिखा गया था।
गौरतलब है कि स्वामी सहजानंद सरस्वती संग्रहालय के लिए यह एक और नई उपलब्धि है।
हैकरवाल ने अन्नपूर्णानन्द को जय प्रकाश नारायण द्वारा लिखे पत्र को भी कुलपति
राय को सौंपा। साथ ही विभिन्न लेखकों द्वारा अन्नपूर्णानन्द को लिखे दर्जनों पत्र
प्राप्त हुए हैं। इनमें अयोध्या सिंह उपाध्याय ‘हरिऔध’, मैथिलीशरण गुप्त, महादेवी वर्मा, रायकृष्ण दास, भगवती चरण वर्मा, पद्मसिंह शर्मा, रूप नारायण पांडेय, जी.पी.श्रीवास्तव, ज्वालादत्त शर्मा, राम प्रसाद त्रिपाठी तथा अवध उपाध्याय शामिल हैं।
प्रसंगवश बता दें कि विश्वविद्यालय
में यह संग्रहालय किसान आंदोलन के
प्रणेता स्वामी सहजानन्द सरस्वती के नाम पर है, जिनकी प्राय: सभी कृतियां
यहां उपलब्ध हैं। यहां सन् 1880 से अबतक के लेखकों की स्मृतियों से जुड़ी काफी
चीजें सुरक्षित हैं- पॉंच सौ से अधिक पत्र, दर्जनों दुर्लभ चित्र, 18 वीं सदी से अब तक की
ऐतिहासिक महत्व वाली पत्रिकाओं के प्रवेशांक, परसाई, मार्केण्डेय, अमरकांत, रेणु, शेखर जोशी और मुक्तिबोध की
कहानियों के फर्स्ट ड्राफ्ट यहां मिल जायेंगे, जिनसे सृजन प्रक्रिया के
सूत्र और ग्राफ तलाशे जा सकते हैं। हाल ही में शमशेर की
कॉपीराइट सहित पांडुलिपियां, पेंटिग्स व उनके उपयोग की सारी सामग्री संग्रहालय को
रंजना अरगडे द्वारा सौंपा गया था। निराला, प्रेमचंद, नागार्जुन, केदारनाथ अग्रवाल, अज्ञेय, रघुवीर सहाय, रामधारी सिंह दिनकर, मुक्तिबोध, धूमिल, मनोहर श्याम जोशी, त्रिलोचन, रामविलास शर्मा आदि साहित्यकारों
की लिखावट में उनके पत्र और पाण्डुलिपियां, लता मंगेशकर समेत
कितनी-कितनी विभूतियों के खत, डायरियों और स्मृति से जुड़ी सामग्रियां इस संग्रहालय में
संरक्षित हैं।
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